भारत पोस्ट ब्यूरो
रायपुर । छत्तीसगढ़ में अब कई कद्दावर चेहरे नजर नहीं आएंगे। वह चेहरे जो डेढ़ दशक से ज्यादा समय तक छत्तीसगढ़ की राजनीति पर छाए रहे और सत्ता  के केंद्र रहे, इस बार साय के मंत्रिमंडल में वह चेहरे नदारद रहे। इनमें राजेश मूणत, अजय चंद्राकर, अमर अग्रवाल, धरमलाल कौशिक, लता उसेंडी, रेणुका सिंह, विक्रम उसेंडी जैसे नाम हैं। इन चेहरों का अब क्या होगा ये सवाल सभी के मन में तैर रहा है।

11 मंत्रियों में पांच नए चेहरे

विष्णु कैबिनेट के 11 मंत्रियों में ऐसे पांच चेहरों को जगह दी गई है, जो पहली बार जीतकर आए। वहीं तीन पूर्व मंत्री कैबिनेट में शामिल हुए हैं। हालांकि अभी मंत्रिमंडल में एक पद खाली रखा गया है। लेकिन जिस तरीके से भाजपा में बड़े नेताओं की फहरिस्त है और संगठन ने अब तक अपने फैसले से चौंकाता आया है। यह सीट भी किस जाएगी या संगठन के फैसले के बाद ही साफ होगा।

ये बड़े नेता थे रेस में, अब हुए मंत्रिमंडल से बाहर

  1. अमर अग्रवाल : बिलासपुर से विधायक हैं। वर्ष 1998, 2003, 2008 और 2013 में विधायक चुने गए। नगरी निकाय स्वास्थ्य जैसे कई अहम मंत्रालय भी पूर्व में संभाल चुके हैं।
  2. धरममलाल कौशिक : ओबीसी नेता हैं। बिल्हा विधानसभा से विधायक हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं। विधानसभा अध्यक्ष रह चुके हैं। प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष के तौर पर भी बड़ी जिम्मेदारी मिल चुकी है।
  3. अजय चंद्राकर : बड़े ओबीसी नेता हैं। अब तक छठवीं बार विधायक चुने गए हैं। वर्ष 1998 में कुरूद विधानसभा सीट से पहली बार विधायक चुने गए। इसके बाद वर्ष 2003, 2008,  2013, 2018 और 2023 में जीते। मंत्री के तौर पर उच्च शिक्षा, पंचायत स्वास्थ्य, गृह जेल जैसे विभाग संभाल चुके हैं।
  4. राजेश मूणत : सामान्य वर्ग से आते हैं। रायपुर पश्चिम के विधायक हैं। वर्ष 2003, 2008 और 2013 में विधायक चुने गए। रमन सरकार में 15 साल मंत्री रहे। पीडब्लूडी समेत कई अहम विभाग संभाल चुके हैं।
  5. रेणुका सिंह : बड़ी आदिवासी नेता हैं। वर्ष 2003 में पहली बार प्रेम नगर सीट से विधायक चुनी गई। वर्ष 2008 में विधायक बनी तो महिला बाल विकास मंत्रालय मिला। वर्ष 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में सरगुजा सीट से जीत दर्ज की। मोदी सरकार में केंद्रीय राज्य मंत्री बनाई गईं।
  6. लता उसेंडी : कोंडागांव से कांग्रेस के कैबिनेट मंत्री मोहन मरकाम को हराकर विधायक चुनी गईं हैं। इससे पहले 2003 और 2008 में विधायक चुनी गई थी। महिला बाल विकास जैसे मंत्रालय संभाल चुकी है। संगठन में भी बड़ी जिम्मेदारी मिल चुकी है।
  7. विक्रम उसेंडी : आदिवासी नेता हैं। वर्ष 1993 में पहली बार विधायक बनें। अंतागढ़ से विधायक चुनकर आए हैं। वर्ष 2003, 2008, 2013 में विधायक चुके गए। वर्ष 2014 में कांकेर लोकसभा से सांसद बनें। पूर्व में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। संगठन ने प्रदेश अध्यक्ष की भी जिम्मेदारी इन्हें दी थी।
  8. पुन्नू लाल मोहले : अनुसूचित जाति वर्ग के बड़े नेता। पहली बार 1985 में विधायक चुने गए।  मोहल्ले सातवीं बार विधायक चुने गए हैं। तीन बार के सांसद रह चुके हैं। वर्ष 2008 और 2013 में इन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया।
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