Jingle Bells Song: हैरानी की बात यह है कि ‘जिंगल बेल्स’ मूल रूप से क्रिसमस के लिए नहीं लिखा गया था। इसे जेम्स लॉर्ड पियरपोंट ने 1857 में ‘थैंक्सगिविंग …और पढ़ें

Publish Date: Wed, 24 Dec 2025 09:47:39 PM (IST)Updated Date: Wed, 24 Dec 2025 09:47:39 PM (IST)

जब ‘जिंगल बेल्स’ ने चांद-तारों के बीच मचाई धूम

डिजिटल डेस्क। क्रिसमस का त्योहार ‘जिंगल बेल्स’ (Jingle Bells) की धुन के बिना अधूरा माना जाता है, लेकिन इस गीत का इतिहास इसके वर्तमान स्वरूप से बिल्कुल अलग और बेहद रोचक है। आइए जानते हैं इस विश्व प्रसिद्ध धुन से जुड़े कुछ अनसुने तथ्य।

क्रिसमस नहीं, ‘थैंक्सगिविंग’ के लिए बना था गीत

हैरानी की बात यह है कि ‘जिंगल बेल्स’ मूल रूप से क्रिसमस के लिए नहीं लिखा गया था। इसे जेम्स लॉर्ड पियरपोंट ने 1857 में ‘थैंक्सगिविंग’ (Thanksgiving) के मौके पर एक चर्च कार्यक्रम के लिए तैयार किया था। यही कारण है कि इस पूरे गीत में ‘क्रिसमस’, ‘यीशु’ या किसी धार्मिक उत्सव का उल्लेख नहीं मिलता।

क्या है नाम का रहस्य?

जब यह गाना पहली बार पब्लिश हुआ, तो इसका शीर्षक “One Horse Open Sleigh” था। दो साल बाद 1859 में इसे ‘जिंगल बेल्स’ के नाम से दोबारा रिलीज किया गया, जिसके बाद यह दुनिया भर में मशहूर हो गया। इसके रचयिता जेम्स पियरपोंट, मशहूर अमेरिकी फाइनेंसर जे.पी. मॉर्गन के मामा थे।

अंतरिक्ष में बजने वाला पहला गाना

‘जिंगल बेल्स’ के नाम एक अनोखा ग्लोबल रिकॉर्ड दर्ज है। यह अंतरिक्ष में बजाया गया पहला गीत था। क्रिसमस से कुछ दिन कुछ दिन पहले ‘जेमिनी 6’ के अंतरिक्ष यात्रियों ने कंट्रोल रूम को सूचना दी कि उन्हें उत्तर से दक्षिण की ओर जाता कोई ‘अज्ञात उपग्रह’ दिख रहा है।

इस तनावपूर्ण माहौल के बीच अचानक उन्होंने हारमोनिका और छोटी घंटियों पर ‘जिंगल बेल्स’ बजाना शुरू कर दिया। आज भी ये घंटियां और हारमोनिका स्मिथसोनियन नेशनल एयर और स्पेस म्यूजियम में सुरक्षित रखे हुए हैं।

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