रायपुर। स्वास्थ्य विभाग में फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी पाने के कई मामले लगातार सामने आ रहे हैं। इसी तरह के एक मामले में फर्जी जाति प्रमाण पत्र से नर्सिंग अधिकारी बनने का मामला भी सामने आया है। विभागीय जांच में आईएएस अधिकारी ने नियुक्ति को फर्जी पाया और बर्खास्त करने के निर्देश दिए फिर भी अब तक कार्रवाई नहीं हुई है।
मिली जानकारी के अनुसार चिकित्सा शिक्षा विभाग के अंतर्गत शासकीय नर्सिंग महाविद्यालय रायपुर में कार्यरत वर्षा गुर्देकर शासकीय नर्सिंग महा रायपुर में फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर वर्ष 1994 में स्टाफ नर्स के पद पर अनुसूचित जाति के अंतर्गत हुई है। इसके बाद गलत जाति प्रमाण पत्र के आधार पर वर्ष 2007 में एमएससी नर्सिंग पाठ्यक्रम में प्रवेश, स्टाफ नर्स से प्रदर्शक के पद पर एवं प्रदर्शक से सहायक प्राध्यापक में पदोन्नति हो गई। तत्कालीन संयुक्त सचिव आई ए एस अधिकारी डॉक्टर प्रियंका शुक्ला ने जांच प्रतिवेदन शासन को दिया। जांच रिपोर्ट में इस कर्मचारी के संबंध में लिखा गया है कि जिला स्तरीय जाति प्रमाण पत्र सत्यापन समिति बालोद 29 मई 2014 के पत्र में 1950 के पूर्व का छत्तीसगढ़ राज्य का दस्तावेज न होने के कारण अमान्य किया गया है। इसके बाद भी चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने मिलीभगत कर जांच को दबाते हुए प्रदर्शक से सहायक प्राध्यापक के पद पर पुनः पदोन्नति कर दिया।
चिकित्सा शिक्षा विभाग के संचालक डॉक्टर विष्णु दत्त ने कहा है कि मामला शासन स्तर का है यदि फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नियुक्ति का मामला है तो तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए।