डिजिटल डेस्क। बाड़मेर की जिला कलेक्टर और चर्चित IAS अधिकारी टीना डाबी एक बार फिर विवादों के केंद्र में हैं। इस बार मामला छात्रों द्वारा उन्हें ‘रील स्टार’ कहे जाने और उसके बाद हुई पुलिसिया कार्रवाई से जुड़ा है। सोशल मीडिया से लेकर सियासी गलियारों तक इस मुद्दे पर बहस छिड़ गई है, जिसके बाद अब टीना डाबी ने खुद सामने आकर अपनी चुप्पी तोड़ी है।
विवाद की जड़: ‘रोल मॉडल’ या ‘रील स्टार’?
पूरा मामला बाड़मेर के महाराणा भूपल गर्ल्स कॉलेज में फीस बढ़ोतरी के विरोध प्रदर्शन से शुरू हुआ। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के छात्र अपनी मांगों को लेकर कलेक्टर कार्यालय पहुंचे थे। प्रदर्शन के दौरान जब पुलिस ने टीना डाबी को छात्रों के लिए ‘रोल मॉडल’ बताया, तो छात्रों ने तीखी प्रतिक्रिया दी।
छात्रों ने कहा, “वह रोल मॉडल नहीं हैं। अगर होतीं, तो हमारी समस्या सुनने बाहर आतीं। वह सिर्फ एक ‘रील स्टार’ हैं, जो हर जगह रील बनाने जाती हैं।”
छात्रों की गिरफ्तारी पर पुलिस की सफाई
छात्रों के इस बयान के बाद पुलिस ने कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया, जिससे माहौल और गरमा गया। हालांकि, वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मनोज कुमार ने गिरफ्तारी के दावों को खारिज करते हुए कहा, “हमने किसी को गिरफ्तार नहीं किया है। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए 4 छात्रों को थाने लाया गया था और बाद में उन्हें छोड़ दिया गया।”
कलेक्टर टीना डाबी का आधिकारिक बयान
विवाद बढ़ता देख टीना डाबी ने लिखित बयान जारी कर स्पष्ट किया कि किसी भी छात्र को हिरासत में नहीं लिया गया था। उन्होंने कहा:
- फीस बढ़ोतरी का मुद्दा पहले ही सुलझा लिया गया था, इसके बावजूद कुछ छात्र प्रदर्शन कर रहे थे।
- पुलिस केवल बातचीत और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कुछ लोगों को थाने ले गई थी।
- उन्हें 2 घंटे बाद ही छोड़ दिया गया था।
टीना डाबी ने यह भी आरोप लगाया कि कुछ लोग पब्लिसिटी बटोरने के लिए सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को गलत तरीके से तूल दे रहे हैं।
सियासी मोड़ और तीखी प्रतिक्रियाएं
यह मामला अब केवल प्रशासनिक नहीं रह गया है। राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी सहित कई विपक्षी नेताओं ने इस घटनाक्रम पर सवाल उठाए हैं। टीना डाबी की कार्यशैली और छात्रों के प्रति प्रशासन के रवैये को लेकर सोशल मीडिया पर दो धड़े बन गए हैं। एक पक्ष इसे अभिव्यक्ति की आजादी का हनन बता रहा है, तो दूसरा इसे पब्लिसिटी स्टंट करार दे रहा है।


