रायपुर। देश में भाजपा (NDA) को बहुमत मिलने के बाद सरकार बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके साथ ही मंत्री मंडल को लेकर भी चर्चाएं तेज है। बात छत्तीसगढ़ की हो तो भाजपा को यहां 11 में से 10 सीटें मिलीं हैं। बड़ा सवाल उठ रहा की यहां से केंद्र में मंत्री पद किसे मिलेगा। जब बात मंत्री पद की हो रही हो तो जानना जरूरी है कि कोई भी केंद्र सरकार का रुख छत्तीसगढ़ को लेकर क्या रहा।
रायपुर। देश में भाजपा (NDA) को बहुमत मिलने के बाद सरकार बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके साथ ही मंत्री मंडल को लेकर भी चर्चाएं तेज है। बात छत्तीसगढ़ की हो तो भाजपा को यहां 11 में से 10 सीटें मिलीं हैं। बड़ा सवाल उठ रहा की यहां से केंद्र में मंत्री पद किसे मिलेगा। जब बात मंत्री पद की हो रही हो तो जानना जरूरी है कि कोई भी केंद्र सरकार का रुख छत्तीसगढ़ को लेकर क्या रहा।
बता दें छत्तीसगढ़ ने देश को अब तक 14 केंद्रीय मंत्री दिए हैं। वर्ष 1952 से 2019 तक हुए लोकसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ गठन के पहले तक 10 मंत्रियों ने केंद्र सरकार में जगह पाई। वहीं राज्य गठन के बाद पिछले 4 लोकसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ को हर लोकसभा में एक केंद्रीय मंत्री यानी कुछ 4 केंद्रीय राज्य मंत्री मिले। राजनीतिक रूप से प्रदेश का पिछड़ापन कहें, सीटों का गणित या फिर अनदेखी। छत्तीसगढ़ बनने के बाद यहां से अब तक एक भी कैबिनेट मंत्री नहीं बन पाए।
यहां अब तक हुए 14 केंद्रीय मंत्रियों में विद्याचरण शुक्ल, बृजलाल वर्मा, पुरुषोत्तम कौशिक और मोतीलाल वोरा ही हैं, जिन्होंने बतौर कैबिनेट मंत्री जिम्मेदारी संभाली। वर्ष 2024 में लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र ने जिस तरह से छत्तीसगढ़ पर फोकस किया। लोकसभा चुनाव के परिणाम और केंद्रीय मंत्री मंडल को लेकर चर्चा के बीच कहा जा रहा है कि छत्तीसगढ़ के खाते में कम से कम एक मंत्री पद आ सकता है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने भी प्रदेश में बड़ी जीत के आधार पर माना है कि कुछ अच्छा हो। लेकिन इसका फैसला केंद्र ही करेगा।
राजनीतिक विश्लेषक उचित शर्मा का मानना है कि मध्य प्रदेश के दौरान छत्तीसगढ़ से विद्याचरण शुक्ल, मोतीलाल वोरा, बृजलाल वर्मा, पुरुषोत्तम कौशिक जैसे सर्वमान्य नेताओं को तत्कालीन केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री जगह मिली थी। विद्याचरण शुक्ल तब के बड़े नेता और सबसे अधिक बार केंद्र में मंत्री रहे। छत्तीसगढ़ अलग होने के बाद यहां राष्ट्रीय स्तर के नेता नहीं बन पाए। साथ ही प्रदेश में अन्य राज्यों के मुकाबले सीटें कम होना, राजनीति गणित में भी पिछड़ने की एक वजह रही है। इस बार उम्मीद है, बेहतर जगह छत्तीसगढ़ को मिले।
जानिए…छत्तीसगढ़ से कौन कब बनें केंद्रीय मंत्री
- विद्याचरण शुक्ल : कुल 12 बार केंद्र मंत्री मंडल के सदस्य रहे। वर्ष 1957 के चुनाव में पहली बार महासमुंद से लोकसभा जीते। वर्ष 1966 में इंदिरा गांधी सरकार में इन्हें पहली उप मंत्री बनाया गया था। इसके साथ ही राज्य मंत्री और कैबिनेट मंत्री तीनों पदों पर रहे। इन्होंने दूर संचार, गृह, वित्त, योजना, जल संसाधन, विदेश जैसे कई विभाग संभाले।
- ब्रजलाल वर्मा : मोरारजी देसाई मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री रहे। उन्होंने 1977 से 1979 तक संचार विभाग संभाला। वे जनता पार्टी के टिकट पर महासमुंद से लोकसभा के लिए चुने गए।
- पुरुषोत्तम लाल कौशिक : मोरारजी देसाई सरकार में मंत्रिमंडल में मार्च 1977 से जुलाई 1979 तक केंद्रीय पर्यटन व नागरिक विमानन मंत्री। चौधरी चरणसिंह सरकार में 1979 से जनवरी 1980 तक केन्द्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री रहे।
- लरंग साय : वर्ष 1977 से 1979 तक श्रम मंत्रालय में केंद्रीय राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया।
- नरहरि प्रसाद साय : वर्ष 1977 में सांसद चुने गए। उन्हें मोरारजी देसाई सरकार में संचार राज्य मंत्री बनाया गया था।
- अरविंद नेताम : वर्ष 1971 में लोकसभा जीते। इंदिरा गांधी मंत्रिमंडल में उन्हें शिक्षा, समाज कल्याण और संस्कृति विभाग का उपमंत्री बनाया गया।
- चंदूलाल चंद्राकर : वर्ष 1980 से लेकर 1982 तक पर्यटन और नागरिक उड्डयन केंद्रीय राज्यमंत्री रहे। वर्ष 1985 से 1986 तक केंद्रीय कृषि व ग्रामीण राज्य विकास राज्य मंत्री बने थे।
- मोती लाल वोरा : 1983 में कैबिनेट मंत्री बनें। उन्हें 1988 में केन्द्र में स्वास्थ्य परिवार कल्याण व नागरिक उड्डयन मंत्रालय मिला।
- दिलीप सिंह जूदेव : वर्ष 1989 में लोकसभा सदस्य चुने गए। उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में पर्यावरण और वन राज्य मंत्री के रूप में भी काम किया।
- डा. रमन सिंह : वर्ष 1999 से 2003 तक वाजपेयी मंत्रिमंडल में वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री के रूप में सेवाएं दी।
- रमेश बैस रमेश बैस : वर्ष 1998 से 1999: केंद्रीय इस्पात एवं खान राज्य मंत्री, वर्ष 1999 – 2000: केंद्रीय रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री, वर्ष 2000 -2003 तक केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री का पद संभाला। इसके बाद केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पर्यावरण एवं वन मंत्रालय भी संभाले हैं।
- डॉ चरणदास महंत : डॉ मनमोहन सिंह सरकार में वर्ष 2011 में कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग विभाग का राज्यमंत्री की जिम्मेदारी संभाली थी।
- विष्णु देव साय : वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद इस्पात एवं खान राज्य मंत्री का पद मिला था।
- रेणुका सिंह : मोदी सरकार में वर्ष 2019 से 2023 तक भारत के जनजातीय मामलों के राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया।